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Camphor Making Business: कपूर बनाने का व्यवसाय कैसे शुरू करें

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Kapoor Manufacturing Business Idea: भारतीय संस्कृति में कपूर का एक विशेष स्थान है, सभी प्रकार के पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों में इसका उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही दैनिक पूजा-अर्चना में भी लोग अपने घरों के मंदिर में कपूर का उपयोग करते हैं। धार्मिक गतिविधियों के अलावा कपूर का उपयोग क्रीम और दर्द निवारक मलहम में भी किया जाता है, क्योंकि इसका त्वचा पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है।

अगर आप एक ऐसे बिजनेस की तलाश कर रहें है जो 1 लाख रुपए तक का निवेश लगाकर किया जा सके, तो कपूर बनाने का व्यवसाय (Camphor Making Business) आपके लिए उपयुक्त रहेगा।

चलिए इसके बारे में और विस्तार से जानें।

कपूर क्या है? (What is Camphor)

कपूर एक सफेद, क्रिस्टलीय पदार्थ है जो की सिनामोमम कैम्फोरा (Cinnamomum camphora) नामक पेड़ की लकड़ी से प्राप्त होता है, स्वाद में यह तीखा होता है और इससे मेन्थॉल जैसी बहुत तेज गंध आती है।

इसके प्रमुख उत्पादक देश हैं जापान, ताइवान और वियतनाम। इन देशों में कपूर का उत्पादन प्राकृतिक तरीके से होता है, जो की सिनामोमम कैम्फोरा के वृक्ष से प्राप्त किया जाता है। इसे हम प्राकृतिक कपूर (Natural camphor) के नाम से जानते हैं।

एक और प्रकार का कपूर भी बाजार में मौजूद है जिसे हम सिंथेटिक कपूर (Synthetic camphor) के नाम से जानते है, इसका उत्पादन भारत में ही होता है जो की देवदार के पेड़ों से प्राप्त किया जाता है।

कपूर बनाने के लिए कितनी जगह की आवश्यकता पड़ेगी?

इस उद्योग की शुरुआत के लिए आपको कम से कम 300 वर्ग फ़ीट जगह की ज़रूरत पड़ेगी। जिसमे आप कपूर बनाने की मशीन और कच्चा माल स्टोर कर सकेंगे। इसके साथ ही वह एरिया पूरी तरीके से ढका हुआ भी होना चाहिए।

कच्चा माल (Raw Materials)

कपूर टैबलेट बनाने के लिए बस दो सामग्रियों की आवश्यकता पड़ती है, ये कच्ची सामग्री है काम्फोर पाउडर/कपूर पाउडर और हेक्सामाइन पाउडर। इन्ही दो सामग्रियों को मिला कर कपूर की टेबलेट बनाई जाती है।

सफ़ेद कपूर पाउडर की कीमत 700 रूपए प्रति किलो से शुरू होती है, जिसे आप चाहे तो ऑनलाइन वेबसाइट के ज़रिये आर्डर कर सकते हैं या फिर अपने लोकल मार्केट से खरीद सकते हैं।

ऑनलाइन काम्फोर पाउडर/कपूर पाउडर खरीदने के लिए इस लिंक पर जाएँ: https://dir.indiamart.com/impcat/camphor-powder.html

कपूर बनाने के लिए मशीन (Camphor Making Machine)

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कपूर टैबलेट बनाने की मशीन 2 प्रकार की होती है: सेमी-ऑटोमेटिक और ऑटोमेटिक।

यह मशीन अलग-अलग डाई के साइज़ में आती है जैसे कि 5,6,10,12 और 20

एक सेमी-ऑटोमेटिक मशीन की कीमत लगभग 60,000 रूपए से शुरू होती है जो कि एक मिनट में 300 टैबलेट का निर्माण कर सकती है, मतलब एक दिन में लगभग 70 किलो का उत्पादन। इस मशीन में ऑटोमेटिक पैकिंग की सुविधा नहीं होती, अतः इसमें आपको पैकिंग खुद से करनी पड़ती है।

अगर आप इस बिज़नेस में बिलकुल नए है तो इस मशीन को लेकर आप प्रोडक्शन अपने घर से ही शुरू कर सकते हैं। इस मशीन को चलाना काफी आसान होता है, इसलिए घर की महिलाएं भी अपने खाली समय में निर्माण कार्य में हाथ बटा सकती हैं।

एक पूर्णतः स्वचालित या फुली-ऑटोमेटिक मशीन की कीमत लगभग 1 लाख रुपए से शुरू होती है और यह मशीन प्रति घंटे 500 किलोग्राम तक कपूर टैबलेट का उत्पादन कर सकती है। इसके साथ ही इन मशीनों में ऑटोमेटिक पैकिंग की भी सुविधा रहती है।

कपूर बनाने के लिए मशीन कहाँ से खरीदें?

इस मशीन को आप अपने निकटतम बाजार से खरीद सकते हैं या फिर ऑनलाइन साइट्स के माध्यम से भी आर्डर कर सकते हैं, ऑनलाइन खरीदने के लिए इस लिंक पर जाएँ: https://dir.indiamart.com/impcat/camphor-machine.html

कपूर टैबलेट बनाने की प्रक्रिया: Camphor Making Process

कपूर टैबलेट बनाने की प्रक्रिया बहुत ही सरल है, इसे कोई भी व्यक्ति आसानी से कर सकता है।

  • सबसे पहले काम्फोर पाउडर (Camphor powder) और हेक्सामाइन पाउडर (Hexamine powder) को उचित मात्रा में मिलाया जाता है।
  • इसके बाद इस मिश्रण को कपूर बनाने की मशीन के हॉपर में डाला जाता है।
  • मशीन में जिस प्रकार का डाई लगा हुआ रहता है, कपूर टैबलेट उसी साइज़ का बनकर बाहर निकलता है।
  • यह होने के बाद सभी टेबलेट को एकत्रित करके छोटे-छोटे प्लास्टिक के पैकेट में भर लिया जाता है और पैकिंग मशीन की सहायता से पैक कर दिया जाता है।
  • इसके बाद पैक किए गए कपूर को मार्केट में बेचने के लिए भेज दिया जाता है।

कपूर बनाने के लिए कच्चे माल और मशीनरी की लागत

  • कपूर बनाने की मशीन की कीमत: 60,000 रू
  • कपूर पाउडर की कीमत: 700 रु/किलोग्राम
  • हेक्सामाइन पाउडर की कीमत: 85 रु/किलोग्राम
  • मशीन की क्षमता: लगभग 70 किग्रा/दिन
  • लाभ (प्रति किलोग्राम): 50 रूपए
    अगर आप एक दिन में 70 किलोग्राम कपूर के टैबलेट का उत्पादन करते हैं तो एक दिन में आपका 3500 रुपए तक का मुनाफा हो सकता है।
  • एक मशीन से प्रति माह लाभ: 3500*26 (कार्य दिवस) = लगभग 91,000 रुपये प्रति माह।

यहाँ पर हमने लाभ प्रति किलोग्राम होलसेल मार्केट की दर से बताया है, अगर आप खुद से रिटेल मार्केट में बेचते हैं तो यह लाभ दो से तीन गुना तक बढ़ सकता है। इसके लिए आप अपने लोकल बाजार के दुकानदारों के समूह के द्वारा बेच कर कर सकते है या फिर अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स वेबसाइट की सहायता ले सकतें है।

कपूर बनाने के व्यापार के लिए आवश्यक लाइसेंस

कपूर बनाने के बिज़नेस में रासायनिक पदार्थों और मशीनो का प्रयोग होता है, इसलिए इस बिजनेस को लगाने से पहले आपको एक वैध लाइसेंस प्राप्त करना होगा।

इसके लिए आपको अपने स्थानीय नगर निगम या फिर ज़ोनल अथॉरिटी से संपर्क करना होगा। हालांकि, इस प्रक्रिया में काफी समय लग सकता है इसलिए आप शुरुआती निर्माण प्रक्रिया शुरू करने के लिए उनसे अनुरोध कर सकते हैं की आपको एनओसी (NOC) दे दिया जाये। जब तक कि आपका लाइसेंस न आ जाये। लिखित एनओसी मिल जाने के पश्चात आप अपनी निर्माण कार्य शुरू कर सकतें है और किसी भी प्रकार की क़ानूनी अड़चन भी नहीं आएगी।

कपूर की पैकेजिंग का खास ख्याल रखें

कपूर एक ऐसा पदार्थ है जो वातावरण में आते ही vaporize होना शुरू हो जाता है। इसलिए इसकी पैकेजिंग पर ध्यान देना बहुत जरुरी है। कपूर टेबलेट को पैक करने के लिए हमेशा उच्च कोटि का बटर पेपर (Butter Paper) इस्तेमाल करें। आप चाहें तो कपूर को कांच या प्लास्टिक के कंटेनर में पैक करके भी बेच सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि कंटेनर एयरटाइट हो।

बाजार में उपलब्ध छोटे-छोटे कपूर के पैकेट में लगभग 3 कपूर की गोलियां होती हैं, जो 2 रुपये प्रति पैकेट की दर से बेची जाती हैं। आप इन छोटे-छोटे पैकेटों को मिलाकर एक बड़ा बॉक्स बना सकते हैं और इसे थोक विक्रेताओं को अच्छे रेट पर बेच सकते हैं।

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