Hit and Run New Law: केंद्र सरकार ने ट्रैफिक नियमों को लेकर संसद में नया ‘हिट एंड रन’ बिल पास किया है। इस बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा स्वीकृति भी दी जा चुकी है। हिट एंड रन बिल के मुताबिक, अगर कोई ड्राइवर दुर्घटना करके फरार हो जाता है और उस दुर्घटना में किसी की मौत हो जाती है, तो नए कानून के तहत ड्राइवर को 10 साल की सजा और 7 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
नये कानून में ड्राइवरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के प्रावधान का देशभर में बस और ट्रक ड्राइवर विरोध कर रहे हैं। आइये विस्तार से जानते हैं क्या है ‘हिट एंड रन’ का नया कानून।
क्या होता है हिट एंड रन?
हिट एंड रन का सीधा सा मतलब है कि दुर्घटना के बाद ड्राइवर का मौके से फरार हो जाना। अगर कोई ड्राइवर अपनी गाड़ी से किसी को टक्कर मरकर घायल कर देता है, और उस घायल व्यक्ति की मदद करने के बजाय ड्राइवर गाड़ी को लेकर मौके से भाग जाता है, तो ऐसे मामलों को हिट एंड रन की श्रेणी में गिना जाता है।
आपको बताते चलें कि हिट एंड रन के पुराने कानून के अनुसार इस तरह के मामलों में ड्राइवर को आसानी से जमानत मिल जाती थी और अधिकतम 2 साल की सजा का प्रावधान था।
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कई बार देखा गया है कि अगर दुर्घटना करने वाला व्यक्ति सही समय पर घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचा दे तो व्यक्ति की जान बच जाती है। लेकिन, एक्सीडेंट करके फरार हो जाने वाले मामलों को हिट एंड रन कहा जाता है। इन सब मामलों में कमी लाने के लिए ही केंद्र सरकार ने हिट एंड रन का नया कानून लाया है, जिसमे सख्ती का प्रावधान किया गया है।
नए कानून में ड्राइवरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का विरोध
भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन कानून के तहत, यदि ड्राइवर एक्सीडेंट करने के बाद मौके से पुलिस को बिना सूचना दिया भाग जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी करवाई की जाएगी। जिसमे उस ड्राइवर को 10 साल की कैद हो सकती है। इसके अलावा आरोपी ड्राइवर पर 7 लाख रुपए का जुर्माना भी लगेगा। इस बिल के आने के बाद से देशभर के ट्रक, टेलर, बस और टैक्सी ड्राइवर इसके विरोध में सड़कों पर उतर रहे हैं। देश के कई राज्यों में हिट एंड रन कानून के विरोध में वाहन चालक हाईवे जाम कर रहे हैं।
हिट एंड रन का पुराना कानून क्या था?
हिट एंड रन के पुराने कानून में IPC की धारा 279 (सार्वजनिक रास्ते पर लापरवाही से वाहन चलाना), 304A (लापरवाही के कारण गैर इरादतन हत्या) और 338 (दूसरों की जान जोखिम में डालना) के तहत केस फाइल किया जाता था। जिसमे आरोपी ड्राइवर को अधिकतम 2 साल की सजा मिलती थी।
लेकिन, Hit and Run का नया कानून इस मामले में काफी सख्त है और उसमे दुर्घटना करने पर आरोपी को कड़ी सजा के साथ भारी जुर्माने का प्रावधान रखा गया है।
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हिट एंड रन के नए कानून को क्यों लाया गया है?
भारत में विगत कुछ वर्षों में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में काफी वृद्धि दर्ज की गयी है। एक रिपोर्ट के अनुसार, हर वर्ष हिट एंड रन के मामलों में 50 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। देश में मौत के बढ़ते हुए आंकड़ों को देखते हुए केंद्र सरकार ने सख्त कानून को लाया है, जिस कारण वाहन चालक इसके विरोध में खड़े हो गए है।
क्या है वाहन चालकों की मांग
नए हिट एंड रन कानून का विरोध करने वाले ड्राइवरों की मांग है कि इस कानून को जल्द से जल्द रद्द किया जाए। इसके साथ ही उनका कहना है कि अगर एक्सीडेंट होने के बाद वो मौके से फरार हो जाते हैं तो उन्हें 10 साल की सजा हो जाएगी। लेकिन, अगर वो एक्सीडेंट की जगह पर ही रुकेंगे तो भीड़ उनपर हमला कर देगी। इस कारण अगर सरकार इस बिल को वापस नहीं लेती तो वह अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे और गाड़ी नहीं चलाएंगे।