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New Business Idea: सरकारी राशन की दुकान कैसे खोलें? – सम्पूर्ण जानकारी

Sarkari Ration ki Dukaan Kaise Khole

Sarkari Ration ki Dukaan Kaise Khole: हमारे देश की जनसँख्या जैसे-जैसे बढ़ रही है, लोगों को रोजगार मिलना काफी मुश्किल हो गया है। क्यूंकि एक नौकरी के पीछे लाखों लोग आवेदन देते है और उसमे उसमे आपका नंबर कब आएगा ये पता नहीं होता। इसी कारण अधिकतर लोग अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर अपना जीवन यापन करना चाहते है।

अगर आप भी इन लोगों में शामिल है तो आज हम आपको एक ऐसा व्यवसाय बताने जा रहें है जो पूरी तरह से सरकारी है और इसमें आपको ज़्यादा निवेश भी करने की आवश्यकता नहीं है और वो व्यवसाय है सरकारी राशन की दूकान खोलना या फिर राशन डीलर बनना।

क्या आप एक सरकारी राशन दुकान खोलना चाहते हैं मगर आपको कोई जानकारी नहीं है की इसे किस प्रकार से शुरू किया जाये?

घबराइये नहीं, हम इस आर्टिकल में आपको पूरी जानकारी देने जा रहे हैं की किस तरह से आप सरकारी राशन दुकान को खोल सकते है? सरकारी राशन दुकान का लाइसेंस कैसे प्राप्त किया जाता है? और आपको किन-किन प्रक्रियाओं से होकर गुज़रना पड़ता है? चलिए आपको इस विषय पर पूरी जानकारी देते है।

सरकारी राशन दुकान क्या है? (What is a Government ration shop)

जैसा की आप सभी जानते होंगे सरकारी राशन वितरण दुकान उस दुकान को कहा जाता है जो केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित की जाती है जिसके द्वारा गरीब और गरीबी रेखा से नीचे होने वाले राशन कार्डधारकों को एक निश्चित मात्रा में चावल, दाल, चीनी, गेहूं, मिट्टी का तेल इत्यादि एक निर्धारित दरों पर उपलब्ध कराया जाता है।

इस प्रकार की दुकान न सिर्फ शहरी क्षेत्रों बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी मौजूद रहती है। इन्हें स्थानीय रूप से राशन की दुकान या उचित मूल्य की दुकान भी कहा जाता है।

प्रत्येक राज्य सरकारों के तहत खाद्य और आपूर्ति विभाग जिला कलेक्टरों जैसे संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी करता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक शहर, कस्बे और गाँव में उचित मूल्य की दुकानें हों।

राशन की दुकान खोलने के लिए पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria for opening a Ration Shop)

सरकारी राशन दुकान खोलने की पात्रता राज्य सरकारों पर निर्भर करती है, सभी राज्यों के नियम एक दूसरे से अलग-अलग होते है। हालांकि, कुछ पात्रता की शर्तें सभी राज्यों में एक सही पायी जाती है, वो इस प्रकार है –

  • आवेदक को भारत का निवासी होना अनिवार्य है।
  • आवेदक की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए।
  • आवेदक को कंप्यूटर की बुनियादी जानकारी होनी आवश्यक है।
  • आवेदनकर्ता जिस क्षेत्र का निवासी है उसी क्षेत्र में दुकान खोलने के लिए आवेदन दे सकता है, किसी और जगह से नहीं।
  • सरकारी राशन की दुकान खोलने वाला आवेदनकर्ता आर्थिक रूप से मजबूत होना चाहिए। उसके बैंक खाते में 50,000 रुपए से लेकर 75,000 रूपए तक होने चाहिए।
  • आवेदककर्ता का 10वीं कक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है, कुछ राज्यों में इसे बढ़ा कर स्नातक (ग्रैज़ुएट) कर दिया गया है। आप अपने राज्य के अनुसार योग्यता चेक कर लें।
  • अगर किसी व्यक्ति को पहले राशन दुकान का लाइसेंस प्राप्त था मगर किसी कारणवश वो रद्द हो गया है, उस प्रकार के व्यक्ति भी दोबारा आवेदन नहीं कर सकते।
  • अगर कोई व्यक्ति आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 (Essential Commodities Act) के तहत क़ानूनी रूप से दोषी है, तो वो भी इसके लिए आवेदन नहीं दे पाएंगे।
  • यदि किसी व्यक्ति के पास पहले से ही खाद्यान्न विभाग (FCS) की तरफ से लाइसेंस प्राप्त है, तो वो भी राशन डीलर बनने के लिए आवेदन नहीं कर सकता है।

राशन की दुकान के लिए जगह का चुनाव (Location Requirement for Ration Shop)

जिस भी जगह पर सरकारी राशन की दुकान खोल रहें हो उसके पक्के कागज़ात होने चाहिए, चाहे वो जगह आपकी अपनी हो या आपने भाड़े पर ली हो।

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दुकान ऐसे स्थान पर होनी चाहिए जिसके सामने कमसकम 15 फीट चौड़ी सड़क हो, ताकि राशनकार्ड धारकों को सामान ले जाने में किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।

राशन के दुकान की ऊंचाई 3 मीटर और चौड़ाई 5 मीटर की होनी ही चाहिए। हालाँकि, आप इससे बड़ी दुकान भी बनवा सकते है।

कैसे करें लाइसेंस के लिए आवेदन (How to Apply for Ration Shop License)

अगर आप शहरी क्षेत्र से आते है तो आप राशन की दुकान या फिर राशन डीलर बनने के लिए ऑनलाइन आवेदन दे सकते है, लेकिन यदि आप ग्रामीण क्षेत्र से संबंध रखते है तो ये प्रक्रिया आपके लिए ऑफलाइन रखी गयी है। आइये हम दोनों क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए लाइसेंस लेने की प्रक्रिया क्या है इसे विस्तारपूर्वक बताते है।

ग्रामीण क्षेत्र के आवेदकों के लिए लाइसेंस लेने की प्रक्रिया

यदि आप ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी राशन की दुकान खोलना चाहते है, तो आपको यहाँ एक पंचायत की बैठक से गुज़रना होगा। इस बैठक में कई बातों पर विचार विमर्श होता है, जैसे की अगर गांव में रहने वाले लोगों को राशन लेने के लिए दूर जाना पड़ता है, तो वहां पर एक नयी दुकान खोली जा सकती है। इसके अलावा अगर गांव में रहने वाले लोग वर्तमान राशन वितरक से खुश नहीं है, उस परिस्थिति में भी एक नयी दुकान खोल सकते हैं।

  • ग्रामसभा में हुई इस बैठक का उत्तरदायित्व सहायक ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर के अंतर्गत आता है, और उन्ही के सामने नए दुकान खोलने वाले आवेदकों के नाम दिए जाते हैं।
  • इसके बाद आवेदकों की योग्यता और अन्य शर्तों का सत्यापन किया जाता है।
  • अगर सब कुछ सही रहा तो आवेदकों को ब्लॉक अधिकारी के द्वारा एक फॉर्म भरने को दिया जाता है, जिसे भरकर उन्हें जमा करना होता है उसके साथ ही ज़रूरी दस्तावेज भी मांगे जाते है। अगर किसी कारण से किसी उम्मीदवार के पास ज़रूरी दस्तावेज़ उपलब्ध नहीं है तो वो ग्राम सरपंच या सहायक ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर से संपर्क कर सकते है।
  • इस प्रक्रिया के बाद चयन किए गए उम्मीदवारों का आवेदन फॉर्म और ज़रूरी दस्तावेज़ ब्लॉक डेवलपमेंट अधिकारी के पास भेजा जाता है।
  • उनके द्वारा सभी दस्तावेज के सत्यापन (Document Verification) होने के बाद इसे डिस्ट्रिक्ट सप्लाई ऑफिसर और फिर जिला मजिस्ट्रेट के पास भेज दिया जाता है। अगर सभी जानकारी सही पायी गयी तो उन्हें सरकारी दुकान का लाइसेंस दे दिया जाता है। लेकिन लाइसेंस लेने से पहले उम्मीदवार को सिक्योरिटी के रूप में कुछ पैसो का भुगतान करना होता है, यह राशि सभी राज्यों के अनुसार अलग अलग हो सकती है।

इस तरह की प्रक्रिया से गुज़रने के बाद आप ग्रामीण क्षेत्र में राशन की दुकान खोल सकते हैं।

शहरी क्षेत्र के आवेदकों के लिए लाइसेंस लेने की प्रक्रिया

यदि आप किसी शहर में सरकारी राशन की दुकान खोलना चाहते है, तो आपके पास 4 हजार यूनिट एरिया वाली जगह होनी चाहिए। इस प्रकार की जगह पर राशन दुकान खोलने के लिए सरकार की तरफ से खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर दी जाती है। यह अधिसूचना लोगों तक स्थानीय न्यूज़ पेपर और संबंधित विभाग की वेबसाइट द्वारा पहुंचाई जाती है, और इच्छुक लोग वहाँ जाकर आवेदन दे सकते हैं।

  • इच्छुक उम्मीदवार संबंधित विभाग की वेबसाइट पर जाकर अपना आवेदन दे सकते है
  • यहाँ उम्मीदवार को एक फॉर्म भरना होता है, जिसका निरीक्षण किया जाता है और वो सर्किल आपूर्ति निरक्षक के देखरेख में होता है।
  • इसके बाद आवेदकों को चयन प्रक्रिया से गुज़रना होता है। जिसमे जिला आपूर्ति अधिकारी, जिला मजिस्ट्रेट, अपर मजिस्ट्रेट, मुख्य विकास अधिकारी और राजस्व विभाग के अधिकारी शामिल रहते हैं।
  • इस चयन प्रक्रिया में जिस भी आवेदनकर्ता का चयन होता है, उसे आगे की जांच के लिए डिस्ट्रिक्ट सप्लाई ऑफिसर के पास भेज दिया जाता है।
  • जहाँ डिस्ट्रिक्ट सप्लाई ऑफिसर आवेदन की जांच के साथ ही उम्मीदवार की योग्यता और व्यवहार इत्यादि की भी जांच करते हैं।
  • फिर आखिर में जिला मजिस्ट्रेट के पास आवेदन भेजा जाता है और आवेदक को राशन दुकान खोलने की अनुमति दी जाती है। हालांकि, उससे पहले एक सिक्योरिटी शुल्क (Security deposit) का भी भुगतान करना होता है।

समापन

इस तरह से आप शहरी या फिर ग्रामीण क्षेत्र में लाइसेंसी सरकारी राशन की दुकान खोल सकते है। जैसे-जैसे यह दुकान चलने लगती है राशन डीलर को मुनाफा होने लगता है। अगर आपके हाथ ये अवसर आता है तो इसे जाने न दे, क्यूंकि ये मुनाफा दिलाने वाला व्यवसाय बन सकता है।


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